छिपकली
बड़ी भयानक छिपकली, लगता इससे डर
कीट पतंगे मारकर, खाती ये गपकर
दीवारों पर घूमती, दिन हो चाहे रात
बैठी रहे शिकार पर, सदा लगाए घात
कोनों में गन्दी जगह, मिलता इसका घर
बड़ी भयानक छिपकली, लगता इससे डर
सुनकर आहट भी ज़रा, चले तेज़ ये चाल
बच्चे इसको देखकर,हो जाते बेहाल
धरती पर चलती कभी,लटके है छत पर
बड़ी भयानक छिपकली, लगता इससे डर
जम सी जाती जबकहीं,लगतीआलसखोर
हिलती डुलती भी नहीं,लाख मचाओ शोर
लगता तब ये डर हमें,कहीं न जाए मर
बड़ी भयानक छिपकली,लगता इससे डर
21-07-2023
डॉ अर्चना गुप्ता