Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2024 · 1 min read

“छिपकली”

“छिपकली”
चिपकी-चिपकी चलती रहती,
दीवार छतों पर मचलती रहती।
दबे पाँव रुक-रुक कर बढ़ती,
बस एक झपट्टे में शिकार करती।

1 Like · 1 Comment · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
"आभाष"
Dr. Kishan tandon kranti
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
Shashi kala vyas
दिल की बात,
दिल की बात,
Pooja srijan
हलमुखी छंद
हलमुखी छंद
Neelam Sharma
संसद के नए भवन से
संसद के नए भवन से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ऐसे ना मुझे  छोड़ना
ऐसे ना मुझे छोड़ना
Umender kumar
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
Jeevan Ka saar
Jeevan Ka saar
Tushar Jagawat
जीवन  के  हर  चरण  में,
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
बचपन का प्रेम
बचपन का प्रेम
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* सुहाती धूप *
* सुहाती धूप *
surenderpal vaidya
सुप्रभात
सुप्रभात
Arun B Jain
नदी
नदी
Kumar Kalhans
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
धुनी रमाई है तेरे नाम की
धुनी रमाई है तेरे नाम की
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल/ गीतिका)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
DrLakshman Jha Parimal
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
Loading...