छाव का एहसास
चिलचिलाती धूप में वो छाव का एहसास, कहीं तुम तो
नही
जिंदगी की कशमकश में मुस्कुराता सा वो ख्वाब, कहीं तुम तो नही ।
भावनाओ की डोरी से बंधा दिल में बजने वाला वो मधुर साज, कहीं तुम तो नही
जिसे पढ़कर सुकून मिले प्रेम की वो पवित्र किताब कहीं तुम तो नही ।
Akash RC Sharma