छवि
पायल तेरे रूप निराले
कान्हा पैरों इठलाऐ वृन्दावन
राधा पैरों इठलाऐ कान्हा
दुल्हन , पैरो सौभाग्य की निशानी
कुंवारी झम झम मन भाऐ
माता दुर्गा के पैर सुहाए
नहीं बिन पायल के
अर्धनारीश्वर के चरण निराले
पायल तेरी एक यह भी
दुःखद कहानी
कोठे पर बजे तो
बदनाम नारी
पायल की स्वीकारें
छवि उज्वल
जो करें समाज में बदनामी
छवि ऐसी नकारे
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल