Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2018 · 1 min read

छवि

पायल तेरे रूप निराले
कान्हा पैरों इठलाऐ वृन्दावन
राधा पैरों इठलाऐ कान्हा

दुल्हन , पैरो सौभाग्य की निशानी
कुंवारी झम झम मन भाऐ

माता दुर्गा के पैर सुहाए
नहीं बिन पायल के
अर्धनारीश्वर के चरण निराले

पायल तेरी एक यह भी
दुःखद कहानी
कोठे पर बजे तो
बदनाम नारी

पायल की स्वीकारें
छवि उज्वल
जो करें समाज में बदनामी
छवि ऐसी नकारे

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
ऐ ज़िन्दगी!
ऐ ज़िन्दगी!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
- बावलिया बाबा (पंडित गणेश नारायण जी)
- बावलिया बाबा (पंडित गणेश नारायण जी)
bharat gehlot
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
धर्म युद्ध जब चलना हो तो
धर्म युद्ध जब चलना हो तो
ललकार भारद्वाज
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
दोहे के भेद
दोहे के भेद
Dr.Pratibha Prakash
मतलब निकल गया तो यूँ रुसवा न कीजिए
मतलब निकल गया तो यूँ रुसवा न कीजिए
आकाश महेशपुरी
कब्र से उठकर आए हुए लोग,
कब्र से उठकर आए हुए लोग,
Smriti Singh
दिल ने भी
दिल ने भी
Dr fauzia Naseem shad
"जुदा ही ना होते"
Ajit Kumar "Karn"
उधारी
उधारी
Sandeep Pande
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
कवि रमेशराज
everyone has a story. It might or might not be a love story.
everyone has a story. It might or might not be a love story.
पूर्वार्थ
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
Sonam Puneet Dubey
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
3919.💐 *पूर्णिका* 💐
3919.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“ भाषा की मृदुलता ”
“ भाषा की मृदुलता ”
DrLakshman Jha Parimal
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"लफ्ज़...!!"
Ravi Betulwala
तुमसे मिलना इतना खुशनुमा सा था
तुमसे मिलना इतना खुशनुमा सा था
Kumar lalit
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
माॅं के पावन कदम
माॅं के पावन कदम
Harminder Kaur
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
*प्रणय*
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
ग़ज़ल _ यूँ नज़र से तुम हमको 🌹
Neelofar Khan
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
Kanchan Gupta
Loading...