Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2021 · 2 min read

छब्बीस जनवरी

दोहा गीतिका

झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान
शुरू हुआ था आज ही ,अपना ये संविधान

निकाल गौरों को देश से, हुए हम स्वाधीन
खुली हवा में सांस ली , नहीं रहे आधीन

इसी लिये हम वतन का , रखे बनाये मान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

छब्बीस जनवरी दिवस , छाया मन उल्लास
भास हमें हो रहा है ,आज आनन्द हास

मिली आजादी हमें जो, उसका हो आभास
इसी हेतु ले शपथ हम,भारतवासी खास

मान देश पर मुझे है , जो है मेरी जान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

बरकरार हम रखे मिल,अक्षुण्णता को आज
गौरव मय इतिहास है,जिस पर हमको नाज

राणा सांगा भूमि यह ,जिस पर हमको मान
वीर शिवा मनु छबीली , करते गौरव गान

मिट जाऊँ मैं आज फिर , ऐसा है अरमान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

सावरकर की बोल जय , जिसने दे दी जान
भगत शेखर को मात , रही सुनाती कान

अब तक लूटा बहुत ने , अब नहिं सके लूट
सौगंध खा कर कहे हम ,कर दे उसको शूट

मैं भी इस पर मिटूँ अब , यही वतन फरमान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

सींचा हमने लहू से , करके खुद कुर्बान
इसी लिये हम बढ़ाये , मान सदा दे जान

विकास पथ पर वतन हो , करे सदा प्रयास
युवा और सब जनों से , बनी रहे यह आस

अपने से है वतन यह, अपने से इसका मान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

सेना के अंग तीन जो, देते रक्षा विश्वास
उठा सके शत्रु आँख नहिं,रहे वतन को आस

आने वाले लोग भी , गाये इसके गान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

अठारह सौ सत्तावन , शुरू क्रांति की आग
रहे वर्चस्व सभी का , लहू गया था जाग

आहुति असंख्य जनों की ,आजाद हिन्द हेतु
इसी लिये था जरूरी , बीच सभी के सेतु

चप्पा चप्पा धरा का, गाये शौर्य गान
झण्डा अपने देश का , है गणतंत्र की शान

Language: Hindi
73 Likes · 1 Comment · 415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
१.भगवान  श्री कृष्ण  अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
१.भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
Piyush Goel
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
घरौंदा इक बनाया है मुहब्बत की इबादत लिख।
घरौंदा इक बनाया है मुहब्बत की इबादत लिख।
आर.एस. 'प्रीतम'
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
तुम्हें लिखना आसान है
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
हिन्दी के हित
हिन्दी के हित
surenderpal vaidya
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
💐प्रेम कौतुक-371💐
💐प्रेम कौतुक-371💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वस्तु वस्तु का  विनिमय  होता  बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"जंगल की सैर"
पंकज कुमार कर्ण
दलदल
दलदल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
Pravesh Shinde
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
किस पथ पर उसको जाना था
किस पथ पर उसको जाना था
Mamta Rani
"वादा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सुस्ता लीजिये थोड़ा
सुस्ता लीजिये थोड़ा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*साठ बरस के हो गए, हुए सीनियर आज (हास्य कुंडलिया)*
*साठ बरस के हो गए, हुए सीनियर आज (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
Paras Nath Jha
दूर चकोरी तक रही अकास...
दूर चकोरी तक रही अकास...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...