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31 May 2024 · 1 min read

छठी पर्व

दोहे
—–
छठी अलौकिक पर्व है, एक कठिन उपवास ।
अर्क देव को अर्घ्य दें, लेकर दृढ़ विश्वास ।१।

शीतल जल में अर्घ्य ले, खड़े बिना पदत्राण ।
अस्त-उदय होते अरुण, करें सकल कल्याण।२।

सायं पूजें अस्ताचल, उदय होत को भोर ।
हे दिनेश कृपा करो, विनती है करजोर ।३।

रवि अराधना में सजी, यूं दीपक की थाल।
मानो शोभित चाँद है, महादेव के भाल।४।

शुद्ध सनातन धर्म का, यह अनुपम आधार।
सब निर्मल-निर्भय रहें, सुखी बने संसार।५।

– नवीन जोशी ‘नवल’

Language: Hindi
97 Views
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