Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2020 · 1 min read

चौके मे माता खटे

चौके में माता खटे, मजदूरी पर तात ।
औलादें उनकी पलें,रहे हमेशा ज्ञात ।।

करे मशक्कत रोज ही,…बच्चों से रह दूर ।
फिर भी भूखा ही रहे,श्रम साधक मजदूर ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
" तुम "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ख्याल (कविता)
ख्याल (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
खामोश
खामोश
Kanchan Khanna
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
वारिस हुई
वारिस हुई
Dinesh Kumar Gangwar
मौत
मौत
Harminder Kaur
3981.💐 *पूर्णिका* 💐
3981.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अपना सफ़र है
अपना सफ़र है
Surinder blackpen
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
हमारी नई दुनिया
हमारी नई दुनिया
Bindesh kumar jha
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
छाले पड़ जाए अगर राह चलते
छाले पड़ जाए अगर राह चलते
Neeraj Mishra " नीर "
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
छीना झपटी हो रही,
छीना झपटी हो रही,
sushil sarna
"" *ईश्वर* ""
सुनीलानंद महंत
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
◆in advance◆
◆in advance◆
*प्रणय प्रभात*
मेरी यादें
मेरी यादें
Dr fauzia Naseem shad
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
Loading...