चेहरा तुम्हारा
चेहरा तुम्हारा है चाँद से प्यारा
जिसने बनाया दीवाना तुम्हारा
गाल हैं गोरे गोरे होंठ हैं गुलाबी
नैन नशीलों ने शराबी है बनाया
कोयल सी बोली रसभरी है
जब से सुनी है बैचेन है बनाया
आँखों में मस्ती गजल की चाहत
चाहत उसी ने है दीवाना बनाया
लम्बी हैं जुल्फें बादलों सी काली
उन्हीं घटाओं ने हैं पागल बनाया
पतली कमरिया लचकती ठुमकती
मदमस्त जवानी मस्ताना है बनाया
फूलों की बगिया का फूल है प्यारा
जिसकी महक ने आशिक बनाया
दिल में बसी है तस्वीर जो तुम्हारी
तस्वीर उसी ने है पागल है बनाया
चेहरा तुम्हारा है चाँद से प्यारा
जिसने बनाया दीवाना तुम्हारा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत