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23 Feb 2017 · 1 min read

विशारद मन प्रदूषण-जमघट हुए हैं

सुकवि भी अब समूहों में बँट गए हैं|
ज्ञान सूरज,जग धुआँ-सम भट हुए हैं |
कौन सोए राष्ट्र को नव जागरण दे ?
विशारद मन प्रदूषण-जमघट हुए हैं|

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के पड़ेगा

Language: Hindi
401 Views
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Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
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