चुहिया
चुहिया करती है मनमानी,
बड़ी मूॅछ है दो दो चार,
इसके कई काम बेकार ।
बिल्ली को देखें छिप जाती
लुका छिपी का खेल खिलाती
कोई वस्तु बचने न पाए,
मौका पाकर चट कर जाती।
उछल कूद करती शैतानी।
कुतर कुतर कर करती हानी।
कुछ खाए कुछ केवल काटे
कुछ ले जाकर घर में बांटे।
बिल्ली से दुश्मनी पुरानी
चुहिया करती हैं मनमानी ।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र