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13 Mar 2019 · 1 min read

चुनाव

लो आई चुनावों की फ़िर से घड़ी है
लगी झूठे वादों की देखो झड़ी है

जिन्होंने छवि जितनी अच्छी जड़ी है
परीक्षा भी कम उतनी उनकी कड़ी है

घुमाते हैं जनता को बातों से नेता
यही उनकी जादू की जैसे छड़ी है

न फिक्र देश की है न अपनी ही छवि की
यहाँ आंख बस कुर्सियों पर गड़ी है

कहें खुद को जनता का सेवक भले ही
सभी को यहाँ अपनी अपनी पड़ी है

समझ आ गया झूठ सच “अर्चना” अब
तभी सोच में आज जनता खड़ी है

13-3-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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