चुनाव
पापा आपको कुछ बताना है,
मैम ने कहा चुनाव में बस नहीं ,
इसलिए 2 दिन स्कूल नही आना है।
कभी चुनाव के लिए बस नहीं
कभी चुनाव हमारे बस में नहीं
ये तो रोज की बात इसमें क्या रोना गाना है।
सात साल की बेटी पूछते हुई आई पास,
पापा चुनाव क्या है, और इसमें क्या है खास?
बेटा चुनाव में चूना खुद आव के लगवाओ
जाति धर्म रुतबे की पट्टी बांध कर किसी को भी जितवाओ
चुनाव मतदान से पूरा होता है
और जो शुरू मत से हो वो काम कहा पूरा होता है।
घर घर पैरों में गिरकर तलवों पर ठप्पा लगाते हैं
जीत जाने पर उसी ठप्पे को ये अंगूठा दिखाते हैं
रंगी दिवारे, झंडे ,बैनर ,पर्चे उड़े द्वारे द्वारे
चुनावी त्यौहार में सूखे मुंह लिए घूमे बिचारे
यही बिचारे अगले 5 साल तक विचार करवाते हैं
यह किस को वोट दे दिया हमने अगली बार हरवाते है
इतने में घंटी बजी कोई उम्मीदवार आया था
उम्मीद से था वो विकास पुत्र की आशा लाया था।