चुनाव के खेल
जब आथे चुनाव तब जात पात ल बताथे
बाकी बेरा म उही जात भाई अटियाथे।
घर में खाय बर दाना नि रिहिस,
तब आन जात प्राण बचाथे।
जात सगा मन उल्टा हंसी उड़ाथे,
आथे चुनाव तब जात सगा बताथे।
मोर दिमाग म मोर एक जात हे,
मैं मानव अव मानवता मोर पाठ ये ।
मैं इंसान अव इन्सानियत ह मोर सगा सैनी, भाई भतिजा जात ये।
धोबी कुल मैं जनम धरेव,
धोना ही मोर पाठ ये
कपड़ा धोवइ कोनो कर लेथे,
मन मैल धोवइ सार हे।
मै मन मैल धोवव यही मोर विचार हे
,जन सेवा, मानवता, कर्तब्य पालन जात हे।
जन जन के सेवा में, इन्सानियत के मेवा में
खुशी अड़बड़ हो जाथे।
आथे चुनाव तब जात सगा बताथे,
बाकी बेरा उही जात सगा अटियाथे।।