*”चुनरिया”*
“चुनरिया”
ओढे नीली चुनरिया रे ,
गोरी घूँघट में शरमाय।
हाथों में भर भर चूड़ियाँ पहनके ,
गले मोतियन हार दमकाय।
पिया के नाम की ओढे चुनरिया ,
सुहानी राधा सी ,बन मचल जाय।
मोटी मोटी अँखियों में कजरा लगाके,
झुकी झुकी हुई ,पलकों में सपने सजाय।
माथे पे बिंदिया मोतियन मांग सजे ,
कानों में झुमके सोहे, सोलह श्रृंगार किये सज धज संवर जाय।
बन जाये प्रियतम की प्यारी सी,
दुल्हन रूप देख तेरा होश उड़ाय।
सखियों संग खड़ी हो ,हिरनी जैसी आंखे ,
चाँद जैसा रूप सुहाना चाँदनी बन शरमाय।
सितारों वाली चुनरिया ,गोटे वाली चुनरिया,
ओढे नीली चुनरिया ,लाज से प्रियतम को देख मुस्काय।
शशिकला व्यास