चीर के बनाए राह
चीर के बनाये राह, पत्थरों के सीने पे जो।
दिल में सदा उनकी, याद पलती रहे।।
एक साथ चल पड़े, कारवां के कारवां तो।
कितनी भी मुश्किलें हों, ख़ाक मिलती रहे।।
रासते में बाधाओं का, ज्वार जो मिले तो मिले।
मन में आशाओं वाला, दीप जलता रहे।।
दिल में निराशा भाव, भूल के कभी न आये।
पर्वतों को जीतने का, ख्वाब पलता रहे।।