चीन को उत्तर
सत्य है कि पाक की छटपटाहट से चीन बौखला जाता है,जो भी वजह हो किन्तु भारत के सिंधु जल मुद्दे पर निर्णय के पश्चात चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र पर उठाये कदन को इसी का उदहारण माना जाना चाहिए l
समाधान भी यहीं पर है , जबकि बलूच खुद को पाकिस्तान से अलग करने के लिए रोज भारत से मन्नते कर रहा तो..
1- फिर उपयुक्त समय है कि इस मुद्दे को उस हद तक ले जाय कि पाक का दम घुटने लगे उसे एक एक सांस के लिए संघर्ष करना पड़े ..
2-सिंधु नदी द्वारा पाक पहुचाये जा रहे शेष जल का भी उसी प्रकार प्रवंध करें , इस नदी जल के उपयोग को सत प्रतिशत दोहन करने की योजना पर कार्य हो..
3- भारत के सभी नागरिकों द्वारा चीनी सामान का बहिष्कार हो और पुरानी आयातित वस्तुओं का सार्वजनिक दहन किया जाय,इस कार्य हेतु बाकायदा अभियान चलाया जाए,
4-इसके अतरिक्त पाक से सभी प्रकार के आर्थिक लेन देंन को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए l
5-दक्षिण एशियाई देशों जैसे वियतनाम से खुल कर बेहतर से बेहतर सम्बन्ध के लिए आगे बढे, पूरा सहयोग मिले वियतनाम को और इस बात का आभास पूरी दुनिया को हो l
6- भारत में बैठे पाकिस्तानी और चीनी अधिकारियो की आतंक संगरक्षित नीति को अपनाने और उसको प्रश्रय देने की बात सार्वजनिक कर इनकी तत्काल भारत से विदाई हो l
7- पाकिस्तान का दम कुछ यूँ घुटे कि वो खुद चीन के कदमो में जा कर बोले की अब बहुत हुआ हमें अब इस लड़ाई को और आगे नहीं ले जाना अब आप हमारी वजह से भारत की नीतियों में अवरोध न डालें क्योंकि अब भारत ने हमारा जीना हराम कर रखा है l
अधिकतम 6 माह या 1 वर्ष दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा सत प्रतिशत चीनी चिल्ली सॉस को तरसेंगे ????
करने दो हुंकार अब,बस मातृभूमि का सत्कार अब
बजने दो मृदंग,कर दो संखनाद अब,
भरो कुछ ऐसा ही दम्भ,कण कण में दिखे देश प्रेम का रंग,
चूल्हे हिले,भूचाल मानो,सर्वनाश की आहट पहचानो,
जीना सीखो और जीने दो कही छिंड जाये न धर्म-पाप की जंग ll