चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,धरा पर संकट है भारी।
द्वेष अज्ञान अति स्वार्थ वश,मानव हत्याएं हैं जारी।।
विध्वंसक युद्धों से दुनिया हलाकान है भारी।
धर्म के नाम से हिंसा?, मानवता खतरे में है सारी।।
उठो सभी और दुआ करो,दिल से कह दो अपने भगवान से।
हे ईश्वर, हे अल्लाह, निरंकार वाहेगुरु,अंतस में बैठे राम से।।
राम नाम सुमिरन करहुं,उर धर हरि का ध्यान
हिंसा द्वेष अज्ञान मिटें प्रभु, ऐसा दो वरदान
पावन नाम सुमरें ईश्वर का, जिनके जो मन भाए ।।
प्रेम का ऐंसा गान करें सब,धरा प्रेम से भर जाए।
विश्व शांति की करें प्रार्थना, सुख शांति धरा पर छा जाए।।
ईश्वर के पावन नामों का, प्रेम से मिल गुणगान करें।।
पारब़म्ह परमेश्वर ईश्वर, राम नाम गुणगान करें।
जगत पिता के नामों का,सब मिलकर अमृत पान करें।।
ढाई आखर की महिमा को,अर्पण दुनिया के नाम करें।
सुखी रहे मानवता सारी,नर्तन ईश्वर के नाम करें।।
ईश्वर के हैं नाम हजारों,सब पावन नामों से प़ीत करें।
श्रद्धा विश्वास और प्रेम से, नाम का मंगल गीत करें।।
उस परमपिता परमेश्वर के नाम,जो ईश्वर अल्लाह गाड गुरु और हजारों नामों से जाना जाता है।हे परमात्मा धरती पर सभी सुख शांति और प्रेम से भरे रहें।हे प्रभु सभी के हृदय में इतना प्रकाश भर कि अंधकार हिंसा द्वेष मिट जाएं, निर्दोष मानव हत्याएं न हों।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी