Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2018 · 1 min read

“चीख रही क्यु बेटी है”

चीख रही क्यु बेटी है…
चीख रही अब बेटी है..
हर गली,मुहल्ला,गाँओ-शहर मे..
पीस रही क्यु बेटी है…
चीख रही क्यु बेटी है..
चीख रही अब बेटी है..
खुन-पसिना देकर के अब,
मुल्क को अपने सींच रही है..
मुल्क मे अपने तालीम से लेकर,
परदेश मे तमका जीत रही है..
इतनी कुर्बानी देकर भी,
क्यु पीस रही अब बेटी है..?
चीख रही क्यु बेटी है..
चीख रही अब बेटी है..
सानिया,साईना,मैरी-काम,
और जूढ़ाऊ कितने नाम..
मुल्क का बनके विकास का पहिया,
खींच रही अब बेटी है..
चीख रही क्यु बेटी है..
चीख रही अब बेटी है..

(जैद बलियावी)

Language: Hindi
1 Like · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग्रंथ समीक्षा- बुंदेली दोहा कोश भाग-1
ग्रंथ समीक्षा- बुंदेली दोहा कोश भाग-1
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मम्मी पापा
मम्मी पापा
कार्तिक नितिन शर्मा
प्रेम निवेश है ❤️
प्रेम निवेश है ❤️
Rohit yadav
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
Minakshi
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
Sushma Singh
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
" रेत "
Dr. Kishan tandon kranti
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
"" *तथता* "" ( महात्मा बुद्ध )
सुनीलानंद महंत
देखा है।
देखा है।
Shriyansh Gupta
..
..
*प्रणय*
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
Ravikesh Jha
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
Dr Archana Gupta
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*पुरस्कार तो हम भी पाते (हिंदी गजल)*
*पुरस्कार तो हम भी पाते (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,
Ajit Kumar "Karn"
आज में जियो
आज में जियो
पूर्वार्थ
वक्त ने क्या क्या किये सितम।
वक्त ने क्या क्या किये सितम।
अनुराग दीक्षित
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
बिछाए जाल बैठा है...
बिछाए जाल बैठा है...
आकाश महेशपुरी
मत दो साथ किसी का तुम...
मत दो साथ किसी का तुम...
Sunil Suman
23/26.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/26.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
इंतज़ार
इंतज़ार
Ayushi Verma
बस हम ही एक गलत हैं
बस हम ही एक गलत हैं
Dr. Man Mohan Krishna
- तेरे मेरे दरमियान कुछ अधूरा सा है -
- तेरे मेरे दरमियान कुछ अधूरा सा है -
bharat gehlot
जवानी
जवानी
अखिलेश 'अखिल'
Loading...