Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2024 · 1 min read

आत्म मंथन

जब कभी खुद से हारने लगो तो
किसी नदी के तट चले जाना
जब रास्ता – ऐ मंजिल दिखाई ना दे तो
किसी नदी के तट चले जाना
कैसे लहरें टकरातीं है किनारों से
कैसे रूकती नहीं किसी के रोके से
निरन्तर कैसे आगे बढ़ा जाता है
जानना है तो किसी नदी के तट चले जाना
सुशील मिश्रा ‘क्षितिज राज ‘

Language: Hindi
2 Likes · 109 Views
Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
View all

You may also like these posts

बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"जीवन मंत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
*खाना तंबाकू नहीं, कर लो प्रण यह आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
***क्या है उनकी मजबूरियाँ***
***क्या है उनकी मजबूरियाँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पलटू चाचा
पलटू चाचा
Aman Kumar Holy
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
फिर तेरी याद आई , ए रफी !
फिर तेरी याद आई , ए रफी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लैला मजनू
लैला मजनू
पूर्वार्थ
मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी
मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
2894.*पूर्णिका*
2894.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कल में जीवन आस है ,
कल में जीवन आस है ,
sushil sarna
*
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
गुम है
गुम है
Punam Pande
महाकवि 'भास'
महाकवि 'भास'
Indu Singh
😢अलविदा ताई जी😢
😢अलविदा ताई जी😢
*प्रणय*
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
भय लगता है...
भय लगता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
कृष्णकांत गुर्जर
गरीबों की दीपावली
गरीबों की दीपावली
Uttirna Dhar
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आंखे सुनने लग गई, लगे देखने कान ।
आंखे सुनने लग गई, लगे देखने कान ।
RAMESH SHARMA
बेखबर हम और नादान तुम
बेखबर हम और नादान तुम
कवि अनिल कुमार पँचोली
Teri yaadon mein aksar khoya rahtaa hu
Teri yaadon mein aksar khoya rahtaa hu
Amit Yadav
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
इंसान को पहले इंसान बनाएं
इंसान को पहले इंसान बनाएं
Jyoti Roshni
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
Loading...