चितचोर
इंतजार करके उसका वक्त गुज़र रहा है
कोई तो पूछो उससे वो कब आ रहा है
बहुत बैचेन रहता हूं आजकल
पूछो उससे, क्या वो मेरा चैन भी ला रहा है
भागा है वो चोरी करके,
मेरे दिल की चोरी की है उसने
डर गया है तभी शायद
जो मुड़कर वापिस नहीं आ रहा है।।
जानता नहीं है वो उसूल इश्क का
दिल लेकर, दिल देना भी पड़ता है
लग रहा है वो नया परिंदा शायद
जो उड़ने से इस कदर डर रहा है।।
इश्क की दुनिया में तो उड़ने के लिए
परों की भी ज़रूरत नहीं होती
समझाओ उसे कोई तो मेरे यार
क्यों वो मेरे सपनों में आने से भी डर रहा है।।
ज़माने से जो इस कदर डरोगे तुम
दिल की दुनिया में आगे कैसे बढ़ोगे तुम
तुम्हें एक राज़ बताता हूं, चुपके चुपके ही सही
प्यार तो ये ज़माना भी कर रहा है
जिससे इस कदर तू आज डर रहा है।।
अब छोड़ भी दे तू ये डरना
बता जल्दी, मुझसे मिलने कब आ रहा है
मैं भी कह दूं इन हवाओं से
ज़रा ठहरो, मेरा चितचोर आ रहा है।।