Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 1 min read

*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका

चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए
झूठ का मेकअप-भरा, व्यवहार जाना चाहिए
(2)
आपके जाने – न जाने, की प्रतीक्षा है किसे
दावतों में आप का, उपहार जाना चाहिए
(3)
चाहे चक्का-जाम हो या, आग लगवाना पड़े
दृढ़ प्रतिज्ञ विपक्ष है, सरकार जाना चाहिए
(4)
क्या गया-गुजरा समझ, रक्खा है दूल्हा आपने
कार की है माँग तो फिर, कार जाना चाहिए
(5)
सौ बरस का हो चुका, नेता चुनावों में खड़ा
चाहता है जीत फिर, इस बार जाना चाहिए
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

497 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

मन मसोस कर।
मन मसोस कर।
manorath maharaj
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
Dr Archana Gupta
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोई चाहे कितने भी,
कोई चाहे कितने भी,
नेताम आर सी
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
मेरे गांव में
मेरे गांव में
शिव प्रताप लोधी
एहसास दे मुझे
एहसास दे मुझे
Dr fauzia Naseem shad
विवेक
विवेक
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"असम्भव"
Dr. Kishan tandon kranti
Natasha is my Name!
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
प्रश्न करे जब पत्रकार तो
Dhirendra Singh
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया
सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
- दिल के अरमान -
- दिल के अरमान -
bharat gehlot
हमनवा हमनवा
हमनवा हमनवा
दीपक झा रुद्रा
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
sushil sarna
रावण बनना भी  कहाँ आसान....
रावण बनना भी कहाँ आसान....
Shubham Pandey (S P)
बहुत खुश हुआ कुछ दिनों के बाद
बहुत खुश हुआ कुछ दिनों के बाद
Rituraj shivem verma
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
प्लास्टिक प्रदूषण घातक है
Buddha Prakash
है शामिल
है शामिल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
आत्मबल
आत्मबल
Shashi Mahajan
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
Loading...