*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)
चिड़िया चढ़ी गर्व से ऐंठी
साइकिल के हैंडल पर बैठी
बोली में भी सैर करूॅंगी
गड्ढों से अब नहीं डरूॅंगी
मजा नहीं उड़ने में आता
साइकिल के पेडल से नाता
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451