चिड़ियाँ
सुरज के निकलने से पहले ही
उठ जाती है सारी चिड़ियाँ।
ची- ची करके अपने स्वरों से
हम सब को भी उठाती है चिड़ियाँ ।
जोश भरकर अपने अन्दर यह,
त्यागकर आलस का दामन,
रोज साहस और हौंसले के साथ,
आसमान में उड़ान भरती है चिडियाँ।
जीवन का यह कठीन डगर
कैसे साहस और हौसला के बल पर,
हँस कर लड़ा जाता है,
यह पाठ हमें सीखाती है चिड़ियाँ।
विश्वास का दामन पकड़कर
उम्मीद के पंख लिए हुए,
रोज दानों की खोज के लिए
आसमान मे उड़ान भरती है चिड़ियाँ।
नाप आती है आसमान को
अपने छोटे से पंखो के बल पर,
हमें भी अपनी क्षमता पर
विश्वास करना सिखाती है चिड़ियाँ।
तिनका – तिनका इकट्ठा कर
अपना घर बनाती है चिड़ियाँ
अपने चोंच से उसे सुन्दर ढंग
से सजाती है चिड़ियाँ।
पर दूसरों के घोंसले को कभी ,
अपना घर नही बनाती है चिड़ियाँ।
चाहे गर्मी हो, बरसात हो
या हो कड़ाके की ठंड
हर दिन दानों के लिए
संघर्ष करती दिख जाती है चिड़ियाँ।
बड़ी मेहनत से दाना चुनकर
अपने और अपने बच्चों के लिए
लाती है चिड़ियाँ।
पर न कभी थकती है और
न कभी भी हार मानती है चिड़ियाँ।
सोने का पिंजरा छोड़कर
सारी सुख सुविधा छोड़कर
खुले आसमान में ही
जीना पंसद करती है चिड़ियाँ।
आजादी क्या है
और इसका हमारे जीवन मे
क्या महत्व होता है।
यह हर समय, हर पल
हमें समझाती है चिड़ियाँ।
~ अनामिका