*चिंता-रहित बनाता मन को, ईश्वर का शुभ नाम है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
चिंता-रहित बनाता मन को, ईश्वर का शुभ नाम है (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
चिंता-रहित बनाता मन को, ईश्वर का शुभ नाम है
व्यक्ति अकर्ता जहॉं, कर्म के फल पर पूर्ण विराम है
2
सात्विक-जीवन शुद्ध रूप से, विचरण करता दिखता
निरभिमानता-भरा हुआ, निर्लोंभी जो निष्काम है
3
धन से नहीं खरीदा जाता, दुर्लभ ईश्वर-दर्शन
परम अलौकिक छवि का, कोई लगा न पाया दाम है
4
जो करना है अभी करो, कल कभी नहीं आएगा
रोज सुबह होती है, वरना रोज हो रही शाम है
5
नदियॉं झरने पर्वत सागर, सूर्य चंद्रमा तारे
जन्म-मरण का क्रम, ईश्वर का एक सिर्फ व्यायाम है
6
चला रहा है ईश्वर जग को, बिना किसी को दीखे
वह अलिप्त है, किंतु कर्म से लेता कब विश्राम है
7
जन्म मरण के फॅंसा चक्र में, दुनिया का हर प्राणी
सफल उसी का जीवन, जिसको मिलता प्रभु का धाम है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451