चिंतन
चिंतन
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चिंता नहीं चिंतन कीजिए
कुछ ऐसा कीजिए,
जिससे समाधान मिले
न कि व्यवधान जन्में।
जीवन इतना सरल भी नहीं
तो इतना कठिन भी नहीं।
बस समझने की जरूरत है
चिंता छोड़ चिंतन करने की जरूरत है।
कब तक चिंता करते रहेंगे
बदले में क्या हासिल कर लेंगे।
तो बस अब चिंता को किनारे कीजिए
चिंतन में लग जाइए।
चिंता खत्म चिंतन शुरू
अभियान में लग जाइए
अपने जीवन के बहुतेरे कष्ट
मिटाने का उपाय पाइए,
जीवन खुशहाल बनाइए।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक स्वरचित