चिंतन
मन साधिये तन भी सध जायेगा
पथ जीवन को अपना मिल जायेगा
काम से दूर यदि कामनाएं रहें
राग में भी वैराग मिल जायेगा
मूंद आँखे जरा ध्यान में बैठ तू
तुझे अर्थ जीवन का मिल जायेगा
करो कर्म तुम हो समर्पित सदा ही
लक्ष्य जीवन तुमको मिल जायेगा
हो तप त्याग से ही सफल श्रम सदा
सुमन नेह मरू में भी खिल जायेगा
कर्म का आंकलन आत्म करने लगे
स्वतः ज्ञान का दीप जल जायेगा
जब वाणी हृदय शोक हरने लगे
विजय मूल जीवन का मिल जाएगा
जब प्राप्य अप्राप्य ही लगने लगे
शून और शिखर सब ही मिल जायेगा