चिंगारी
कह दो कि वे
तैयार रहें
अब आख़िरी
अंज़ाम के लिए!
तिनके हैं वे
मामूली-से
इस वक़्त के
तूफ़ान के लिए!!
बह रहे जो
आज-कल
आंखों से
अवाम की!
ये आंसू नहीं,
चिंगारी हैं
इस ज़ुल्मत के
निज़ाम के लिए!!
Shekhar Chandra Mitra
कह दो कि वे
तैयार रहें
अब आख़िरी
अंज़ाम के लिए!
तिनके हैं वे
मामूली-से
इस वक़्त के
तूफ़ान के लिए!!
बह रहे जो
आज-कल
आंखों से
अवाम की!
ये आंसू नहीं,
चिंगारी हैं
इस ज़ुल्मत के
निज़ाम के लिए!!
Shekhar Chandra Mitra