चाह
कहते हैं…
प्रेम ईश्वर है
शरीर नश्वर है ,
फिर क्यों नश्वरता के पीछे
पागलपन में हो खीचें ,
शरीर को ना गलाओ
चलो अलख जगाओ ,
चाहो ईश्वर को पाना
ना की नश्वर को चाहना ,
क्योंकि प्रेम ईश्वर है
और शरीर नश्वर है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10/06/2020 )