चाहत
तुम्हे चाहता हूँ मैं कितना सुनोगी ।
मैं चाहु प्रभु को तुम इतना सुनोगी ।।
मेरे दिल मे बसती हो कैसे सुनोगी ।
जैसे हो सासे तुम बस येही सुनोगी ।।
फिर भी मैं कहता हूँ तू धड़कन है मेरी ।
मैं तेरी खुशी और तू जरूरत हैं मेरी ।।
तू हो जो परेशा तो मैं तडफता यहा पर ।
ये कैसा हैं रिश्ता मैं सोचू यही बस ।।