चाहत
चाहनाएं बहुत रहीं जीवन में ..
कभी चाहा तारों भरे आसमान में
खेलना तारों के साथ
कभी चाहा चिड़ियों का हाथ पकड़
चलना हवाओं में
कभी चाहा रोक लूं भाग कर
डूबते सूरज को
कभी चाहा आखिरी लहर आने तक
चखते रहना समंदर का नमक
इन सारी असंभव चाहनाओं में
जो कुछ संभव रह गया
वो था मिलना
मेरा …
तुमसे ।।