चाहत
चाहत
युधिष्ठिर ने एक सच्चाई बताई थी
मरना सभी को है
लेकिन मरना कोई नहीं चाहता।
आज परिस्थिति और भी गलत है
भोजन सभी को चाहिए
लेकिन खेती करना कोई नहीं चाहता।
पानी सभी को चाहिए
पानी बचाना और कुएं बनाना कोई नहीं चाहता।
दूध सभी को चाहिए गाय भैंस पालन
कोई नहीं चाहता।
छाया सभी को चाहिए पर पेड़ लगाना
और उसे जिंदा रखना कोई नहीं चाहता ।
मां और पत्नी सभी को चाहिए लेकिन बेटी कोई नहीं चाहता।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी