चाहत की सजा
दी नही बधाई उन्हे
उनके जन्मदिन की
खफा खफा आजकल वो
हमसे रहने लगे हैं ।
लाख मिन्नतों के बाद भी
नाराजगी के आलम मे
मेरी छोटी सी भूल को
घोर अपराध बताने लगे हैं ।
बख्शेगें हरगिज नही कभी
जुदा जुदा रहने का फरमान
बेधड़क बेखौफ आजकल वो
हमे सुनाने लगे हैं ।
तोड़ा है हमने उनके प्यार
और उम्मीदों का पहाड़
काट लेंगे चाहत की हर सजा
आजकल हमे वो देने लगे हैं ।।
राज विग 22.05.2022