चाहते हो दिल के अंदर देखना।
गज़ल
2122………2122……..212
चाहते हो दिल के अंदर देखना।
आंसुओ का इक समंदर देखना।
हर तरफ गम दर्द आहें हैं भरी,
कैसे कैसे होंगे मंज़र देखना।
दूर करनी हो तुम्हें मायूसियां,
छोटे बच्चों को हँसाकर देखना।
खाने से ज्यादा खिलाने में मजा,
दीन दुखियों को खिलाकर देखना।
बढ़़ रही है रोज महगाई यहां,
घर मे अब खाली कनस्तर देखना।
खेत सूखा उनको हरियाली दिखे,
आंखो से चश्मा हटाकर देखना।
कृष्ण सा प्रेमी मिलेगा आपको,
प्यार से दिल में बसाकर देखना।
……..✍️ प्रेमी