*चार भाई*
चार भाई
चार भाई रहते थे घर में,
चारों मे था गहरा प्यार।
करने को किसी काम से पहले,
करते मिलकर सोच विचार।।
इन चारों की हो गई शादी,
बंँट गया आपस का प्यार।
तू-तू मैं-मैं होने लगी,
पहले जैसे नहीं विचार।।
शादी तो होनी थी सबकी,
ऐसी कोई बात नहीं।
ऐसा क्यों लगने लगता,
पहले जैसी बात नहीं।।
घर पर जो भी पत्नियांँ आयीं,
उन्हें न समझो कभी पराया।
प्यार रहेगा पहले जैसा,
मान के देखो बात भाया।