चार दिन की जिन्दगी, चार दिन का खेल
जिंदगी भी खेल है, चार दिन का मेल
हंस कर गुजार ले या,रो कर निकाल रेल
निकल रहा समय, लौट कर न आएगा
रह गया जो काम, नहीं कभी हो पाएगा
हैं खेल हार जीत का,दिल लगा कर खेल
खेल भावना से, सुख दुख सारे झेल
चार दिन की जिन्दगी, चार दिन का खेल ?