चाय पर
आओ चाय पीने के बहाने तलाशते हैं
मिलकर बाते पुरानी याद करते हैं
चाय पीने का तो एक बहाना है
मिलने का मन आज बनाया हैं
बस तुमको तो, अपने पास बुलाना है
आओ तुम फुर्सत निकाल करके
फिर से यादों को ताजा करते हैं
मैं चाय बनाकर लाती हूँ
उसकी चुस्कियों में बात करते हैं
आओ आंगन में कुर्सी लगाते हैं
फिर वही यादों को ताजा करते हैं
हमको जो पसंद वही बातें करते हैं
आज जल्दबाजी नही कोई करते हैं
बात पूरी आज फिर से याद करते हैं