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9 Jun 2024 · 1 min read

​चाय के प्याले के साथ – तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू

हर​ रोज की तरह ही
सुबह – सुबह
​चाय के प्याले के साथ
तुम्हारे आने के इंतज़ार का
होता है सिलसिला शुरू

झरोखों से देखा है हमने
कभी बर्फ से लदे हुए
पेड़ों के पत्ते झड़ते हुए
फिर से हरे होते हुए

फिर भी
हर​ रोज की तरह ही
सुबह – सुबह
​चाय के प्याले के साथ
तुम्हारे आने के इंतज़ार का
होता है सिलसिला शुरू

​. . . . . . . अतुल “कृष्ण”

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