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27 Sep 2021 · 2 min read

चाय की चुस्की

धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये,
न जाने कोई, कब ?
रुखसती का वक्त आ जाये,
इसलिए धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये।

जिन्दगी बहुत छोटी लगती बहुत बडी
बहुत कुछ करने को हो गया गलत
वक्त बीता संघर्ष मे खुद को मजबूत बनाने में,
इससे पहले कि देर हो जाये
जाने का वक्त आ जाये
धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये।

कुछ दोस्त रूके हैं कुछ चले गये
जान से प्यारे साथ है खुश हूं,
मगर वो सभी भी न रूकेगे
बच्चे हो के बडे उड जाएंगे,
न होगा कोई पुरसा हाल।
इसलिए धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये।

अंत मे, प्यार भरी दुनियां ऊपर चमकते तारे
समझने को रह जाएंगे,
कद्र दानो की कद्र की तारीफ
फिक्र छोडो मुस्कुराओ
इसलिए धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये।

मरने पे आंसू बहाओगे मै न जान पाऊंगा
बेहतर हो आओ साथ मिलके रोयें,
फूल भेजोगे मै न देख पाऊंगा
बेहतर हो अभी दे दो।
तारीफें करोगे मै न सुन पाऊंगा
तो अभी कर दो।
मेरी गलतियाँ माफ कर दोगे मै न जान पाऊंगा
तो अभी माफ कर दो।
मुझे याद करोगे मै महसूस न कर पाऊंगा
बेहतर हो अभी याद कर लो।
सोचेगे कुछ और समय साथ बिता पाता,
आओ अभी साथ समय बिताये।
सुनोगे मै नही रहा मेरे घर की ओर आओगे
शोक सभा मे शिरकत करने
सालों बीते बात न हुई आपस मे
तो अभी आओ मेरे लिए
धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लेते है,

न जाने कोई, कब ?
रुखसती का वक्त आ जाये
इसलिए धीरे-धीरे चाय की
चुस्की का मजा लीजिये।

?
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297

Prof Lee Tzu Pheng Singapur की कविता का हिन्दी रूपांतर

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 594 Views
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