Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2023 · 1 min read

चाय का निमंत्रण

कोई तो बात रही होगी
जो उसने मुझे चाय पर बुलाया था
चाय पिलाना ही मकसद नहीं था उसका
ज़रूर किसी ने उसे भी रुलाया था

मैंने भी हामी भर दी उसको
हालांकि मैं चाय अब पीता नहीं था
जानता नहीं था वो, आखिरी मुलाकात के बाद
अब मेरी ज़िंदगी में बहुत कुछ बदल गया था

कभी दिल तोड़ा था उसने मेरा
लगता है आज उसका भी दिल टूटा था
सहारा ढूंढ रहा था वो मुझमें ही आज
माना कि कभी मुझसे उसका प्यार झूठा था

मिलकर उससे मेरा संदेह
अब यकीन में बदल गया था
दो साल पहले जो मेरे साथ उसने किया
आज, कोई उसके साथ भी कर गया था

था वो हताश, निराश, परेशान
उसका चेहरा सब बता रहा था
जाने क्यों अच्छा नहीं लग रहा था मुझे
उसकी आंखों से जब वो आंसू आ रहा था

वो चाय नहीं पिलाना चाहता था
मुझसे अपना गम बांटना चाहता था
लगी थी दिल को जो चोट उसके
बस, उसका दर्द बांटना चाहता था

मैंने भी हौसला दिया उसको
जो वो इस वक्त चाहता था
करके थोड़ी देर बातें मुझसे
उसका दिल अब हल्का हो गया था

कोई भी बुलाए चाय पर हमें
चाय के बहाने कुछ कहना चाहता है
मान जाओ ये इल्तज़ा उसकी
जो मन का बोझ हल्का करना चाहता है।

10 Likes · 5 Comments · 4000 Views
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

"चंदा के झूले में, झूलें गणेश।
*प्रणय*
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
है शिकन नहीं रुख़ पर
है शिकन नहीं रुख़ पर
आकाश महेशपुरी
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
Otteri Selvakumar
मेरा नहीं है
मेरा नहीं है
Minal Aggarwal
" शिक्षक "
Dr. Kishan tandon kranti
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
parvez khan
दोहापंचक. . . आस्था
दोहापंचक. . . आस्था
sushil sarna
"कौन अपने कौन पराये"
Yogendra Chaturwedi
जीवन में...
जीवन में...
ओंकार मिश्र
पिता
पिता
Shweta Soni
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
Lokesh Sharma
सत्य की यात्रा
सत्य की यात्रा
ललकार भारद्वाज
वंदन हमारा
वंदन हमारा
Ravi Yadav
गीत- तेरे दिल प्यार की ख़ातिर...
गीत- तेरे दिल प्यार की ख़ातिर...
आर.एस. 'प्रीतम'
*जीवन-सौभाग्य मिला उनको, जिनको पावन परिवार मिला (राधेश्यामी
*जीवन-सौभाग्य मिला उनको, जिनको पावन परिवार मिला (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मैं उड़ना चाहती हूं।
मैं उड़ना चाहती हूं।
Kanchan Alok Malu
जो पहले थी वो अब भी है...!
जो पहले थी वो अब भी है...!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
......तु कोन है मेरे लिए....
......तु कोन है मेरे लिए....
Naushaba Suriya
तुलना से इंकार करना
तुलना से इंकार करना
Dr fauzia Naseem shad
जो प्राप्त न हो
जो प्राप्त न हो
Sonam Puneet Dubey
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरे प्यारे पहाड़
मेरे प्यारे पहाड़
Sakhi
अपना अपना अंदाज़
अपना अपना अंदाज़
Sudhir srivastava
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
Loading...