Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2023 · 1 min read

चाय और प्रेम

कॉफ़ी में भरपूर नफ़ासत है ,चाय थोड़ी ‘अल्हड़’ है
महँगा सा कोई कप बॉयफ्रेंड है इसका ,चाय का प्रेमी कुल्हड़ है

महँगे cafeteria में किसी मशीन में बनती हुई ख़ुशबू बिखेरती ये मोहतरमा…
वहीं एक पुराने स्टोव पर,एक हत्थेदार बर्तन में,अदरक की महक फैलाती चाय

कॉफ़ी के साथी कुकीज़ हैं जो सभ्यता से, एक bite एक sip की rhythm में चलती है ……
पर चाय तो Parle-G के बिस्कुट को ही अपने प्रेम में पूरा डुबा देती है

तरह तरह के आर्ट से उभारा जाता है , सौंदर्य कॉफ़ी का मानो किसी विदेशी दुल्हन को मेहँदी लगी हो …
और चाय !! बिना मेकअप, अपना सांवलापन लिए शादी से पहले घर से भागी लड़की

मुझे ये खौलता अध्याय पसंद है
मुझे हर मर्ज़ का ये उपाय पसंद है
मुझे चाय पसंद है

Language: Hindi
196 Views

You may also like these posts

तृष्णा का थामे हुए हाथ
तृष्णा का थामे हुए हाथ
Shally Vij
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सावित्री और सत्यवान
सावित्री और सत्यवान
Meera Thakur
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
seema sharma
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
VINOD CHAUHAN
दोहा पंचक. . . . मजबूर
दोहा पंचक. . . . मजबूर
sushil sarna
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
सत्य कुमार प्रेमी
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
Rj Anand Prajapati
ज्योति हाॅस्पिटल
ज्योति हाॅस्पिटल
डॉ.सतगुरु प्रेमी
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन की कोई थाह नहीं
मन की कोई थाह नहीं
श्रीकृष्ण शुक्ल
मैं अंतिम स्नान में मेरे।
मैं अंतिम स्नान में मेरे।
Kumar Kalhans
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
भोर
भोर
Kanchan Khanna
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
वक्त वक्त की बात है ,
वक्त वक्त की बात है ,
Yogendra Chaturwedi
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
दास्तान ए दिल की धड़कन
दास्तान ए दिल की धड़कन
ओनिका सेतिया 'अनु '
युग प्रवर्तक नारी!
युग प्रवर्तक नारी!
कविता झा ‘गीत’
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
Sanjay ' शून्य'
3129.*पूर्णिका*
3129.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
Loading...