Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

*चाय और चाह*

बातें दो-चार करें कैसे,
हाल तुम्हारा सुने कैसे,
कुछ गरम मधुर सा स्वाद बुने,
चाह भरी इस चाहत में यादों का अंबार बुने।
तीखी वाणी छोड़ो सबसे दो मीठी प्याली चाय बने।।
निर्मल प्रेम सा नीर पड़े,
हृदय भाव सा क्षीर पड़े,
मिश्री यादों सा घोल मिले,
कुछ मार्मिक सा बोल मिले,
शब्द प्रेम की धीमी लौ में यारों का स्नेह मिले।
तीखी वाणी छोड़ो सबसे दो मीठी प्याली चाय बने।।
वो चाह भी अब तो कहीं नहीं,
वह चाय भी फिर से बनी नहीं,
बस औपचारिकताओं का खेल यहां।
जहां चाह नहीं वहां चाय कहां
जहां चाह नहीं वहां चाय कहां

शशांक मिश्रा

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्ता अपनी सुविधा अपनी खर्चा सिस्टम सब सरकारी।
सत्ता अपनी सुविधा अपनी खर्चा सिस्टम सब सरकारी।
*प्रणय प्रभात*
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
The Sound of Silence
The Sound of Silence
पूर्वार्थ
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
"लाठी"
Dr. Kishan tandon kranti
*सर्दी की धूप*
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
Aarti sirsat
वो बेजुबान कितने काम आया
वो बेजुबान कितने काम आया
Deepika Kishori
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
ruby kumari
मै थक गया हु
मै थक गया हु
भरत कुमार सोलंकी
हिन्दी
हिन्दी
Bodhisatva kastooriya
प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
Saraswati Bajpai
लघुकथा - दायित्व
लघुकथा - दायित्व
अशोक कुमार ढोरिया
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
कवि दीपक बवेजा
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
Kailash singh
हद
हद
Ajay Mishra
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
दस्तूर ए जिंदगी
दस्तूर ए जिंदगी
AMRESH KUMAR VERMA
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
Aadarsh Dubey
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
Ravi Prakash
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आपन गांव
आपन गांव
अनिल "आदर्श"
क्रूरता की हद पार
क्रूरता की हद पार
Mamta Rani
कविता
कविता
Rambali Mishra
Loading...