Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

” चापड़ा-चटनी “

” चापड़ा-चटनी ”
लाल चीटियाँ चापड़ा कहलाती
जो बिकती हाट बाजारों में,
स्वादिष्ट चटनी बनाकर खाते
बस्तर के गलियारों में।

2 Likes · 2 Comments · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
🌹हार कर भी जीत 🌹
🌹हार कर भी जीत 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
Neelofar Khan
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
gurudeenverma198
जहाँ में किसी का सहारा न था
जहाँ में किसी का सहारा न था
Anis Shah
कभी भ्रम में मत जाना।
कभी भ्रम में मत जाना।
surenderpal vaidya
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
स्वीकारा है
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
शादी करके सब कहें,
शादी करके सब कहें,
sushil sarna
सब गोलमाल है
सब गोलमाल है
Dr Mukesh 'Aseemit'
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
हिम्मत कर लड़,
हिम्मत कर लड़,
पूर्वार्थ
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
Keshav kishor Kumar
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
"मुमकिन"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,
मेरी आंखों के काजल को तुमसे ये शिकायत रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
4259.💐 *पूर्णिका* 💐
4259.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
शेखर सिंह
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
..
..
*प्रणय प्रभात*
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...