चाकू
11कहानी – चाकू जो एक क्राइम कहानी हैं। रील=11
स्क्रिप्ट-रौशन राय का
शेखर हिम्मत करके दरवाजा खोला और प्रताप ने मोबाइल फोन में वो काॅल रेकाॅर्ड सुनाया। तो शेखर झट से उस आवाज को पहचान गया और चौक गया की ये तो मुन्ना हैं जो हम लोगों सबसे प्रिय दोस्त हैं। हाल में ही ये काॅलेज में नाम लिखवाया है और बहुत जल्दी ही हम लोगों का बेस्ट फ्रेंड बन गया। अब थोड़ा हिम्मत करके शेखर बोला चल अब सिधा क्राइम ब्रांच के आॅफिसर आरोही राय से बात करते हैं। अब शेखर और प्रताप पुलिस के साथ सिधा क्राइम ब्रांच आॅफिसर आरोही राय के पास पहुंचा और वो रेकाॅर्डींग सुनाया। और मोबाइल आरोही राय के हवाले कर दिया और बोला मैं अपने सामने में बैठ कर ही इस मोबाइल में छुपे राज को सुनुंगा। तो आरोही राय ने मना कर दिया की नहीं अब तुम अपने आप में रहो तभी एक काॅल और आया इस बार फोन आरोही राय ने रिसीव किया तो इतना ही आवाज आया की क्राइम ब्रांच की सबसे तेज दिमाग वाली आॅफिसर आरोही राय तुम कितना भी प्रयास कर लो प्रताप और ज्योति को नहीं बचा सकती। आरोही राय कुछ जवाब देती इससे पहले काॅल कट गया। अब तो आरोही राय के लिए मुसीबत हो गया की प्रताप को कैसे बचाया जाय ज्योति को टार्चर करने से आरोही राय ने रोक दिया और प्रताप को कहा की तुम कहां रहना चाहोगे पुलिस चौकी में या अपने घर पर हमें हर हाल में तुम्हें बचाना है और अब किसी का मर्डर न हो इस लिए तु अभी हमारे लाॅकप में बंद रहो तुम्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। तो प्रताप ने कहा मैडम मेरी बहन को तों आफिसर बोली अब तुम्हारे बहन को भी कुछ नहीं किया जाएगा जहां तक अब उसका इलाज ही होगा पर प्रताप तुम्हारे बहन ने जो भी किया वो तुम्हें बचाने के लिए तुम्हें अपने बहन पर गर्व होना चाहिए प्रताप ने कहा हां मैडम मेरी बहन ने ये साबित कर दिया की भाई बहन का प्रेम ईश्वर का एक अनमोल उपहार है हम मनुष्य के लिए हमारे जान बचाने की खातिर वो ना जाने कितने हज़ार दर्द सही हैं मैं अपने बहन पर आज गर्व महसूस कर रहा हूं और आपसे ये वादा करता हूं की वो दुष्ट जहां कहीं भी हो मैं उसे ढुंढ़ निकालूंगा। इस पर आरोही राय ने कहा नहीं प्रताप अब तुम हमेशा पुलिस के निगरानी में रहो नहीं तो पता नहीं तुम्हारे साथ कुछ भी हो सकता है और शेखर तुम शोक छोड़कर पूरे एक्टीव हो जाओ ताकि तुम बाहर रहकर हमें कुछ न कुछ खबर देते रहोगे। इस मर्डर काण्ड में तुम सबको फसाया गया है पर तुम हमारे साथ रहोगे तो तुम सबके लिए बहुत अच्छा रहेगा खास तौर पर तुम्हारी पत्नी और तुम्हारी बहन ज्योति के लिए अब तुम्हें बचने के लिए जेल में रहना होगा वर्णा कुछ भी हो सकता है प्रताप और शेखर आरोही राय के बात से सहमत होकर शेखर अपने घर आ गया और प्रताप वहीं पुलिस के सुरक्षा में पर जब ज्योति के मोबाइल फोन को जब उसका लाॅक कम्प्यूटर से तोड़ा गया तों उसमें में टोटल रीना का और ज्योति का बात चीत था जिसमें हर बार रीना ज्योति पर पुरा दवाव बना रही थी जब ज्योति ने पुलिस का सहारा लेना चाही तों रीना ने उसे और उसके भाई प्रताप को जान से मार देने की धमकी देती रही। पर रीना और ज्योति से सम्पर्क कैसे जुड़ा ये बहुत बड़ी सवाल है ये तो सिर्फ ज्योति ही बता सकती है। ज्योति के मोबाइल के मैसेज के मुताबिक ये तो स्पष्ट हो गया था की रीना ज्योति पर दबाव बना रही थी। सारा मैसेज देखने और सुनने के बाद क्राइम ब्रांच आॅफिसर आरोही राय ने एक बार फिर ज्योति से मिलने आई और ज्योति से पुछी की ये रीना कौन है और वो तुम पर इतना दवाब क्यों बना रही है। तुम से ऐसा कौन-सा गलती हो गया जिसके आर में रीना तुम्हें इस तरह से ब्लैक मेल कर रही हैं। अगर तुम सच सच हमको बता दोगी तो हो सकता है की मैं तुम्हारा कुछ सहायता कर सकूं तो ज्योति को लगा की शायद ये ठीक कह रही है और वो अपना आप विती सुनाने लगा कहा मैडम जी एक दिन बरसात का समय था कोई काॅलेज नहीं जा रहा था मैं अकेली काॅलेज गई और जब काॅलेज से घर वापस आ रही थी तो बहुत जोड़ की वर्षा होने लगा मैं खुद और अपने किताब को भिंगने से बचाने के लिए एक घर के पास खड़ी हो गई तो उस घर से एक अधेर उम्र की औरत निकली और हमसे बोली अरे बेटी बाहर क्यों खड़ी हैं अंदर आजा जब बरसात खत्म हो जाएगा तो अपने घर चली जाना मैं उनका बात मान कर उसके घर चली गई तो उसने कहा की तुम भिंग गई है ये ले मेरी बेटी का कपड़ा और जाके कपड़े बदल ले मुझे संकोच हुआ पर वो हमें बहुत समझाया तो मैं उसका बात मान ली और वो कपड़ा लेकर अपने भिंगे कपड़े बदलने चली गई और जब वापस आया तो देखा की बरसात खत्म हो गया था लेकिन जब मैं कपड़े बदलने गई थी उसी समय उसने हमारे स्कूल बैग में न जाने क्या रख दिया मैं समझ नहीं पाई बरसात खत्म हो गया था तो मैं बोली अच्छा आंटी मैं जा रही हूं कह आपके बेटी का कपड़ा लेकर आ जाऊंगी तों उसने कहा कोई बात नहीं तुम जाओ और जैसे ही मैं थोड़ी ही दूर पुलिस चेकअप बुथ से आगे गई हीं थी की दो आदमी आया और मुझे पकड़ लिया और फिर एक घर में ले गया और कहां तुम्हारे बैग में जों समान है वो हमें दें दें । मैं डरते डरते बोली कौन-सा समान की एक ने झटके में मेरा स्कूल बैग छीन लिया और जीप खोलकर हमारे बैग से वो समान निकाल लिया और वो अपने साथ मेरा कम से कम दस सेल्फी मोबाइल से ले लिया और हमको छोड़ते हुए कहा अगर तुम ये बात किसी को भी बाताई और पुलिस के पास गईं तो तुम्हारे भाई समेत मां बाप को भी मार डालूंगा तु इतना समझ ले की तेरे भाई का नाम प्रताप है और तु दोनों भाई बहन पढ़ने साथ साथ काॅलेज आती जाती हैं । आरोही राय तो ये बात किसी को बताई की नही । ज्योति नहीं । फिर आरोही राय उसके बाद वो तुम से और कोई काम करबाया । ज्योति हां वो मुझे वैसे ही चार बार और काम करबाया । तो तुम ने उस समान को देखने की कोशिश नहीं की। ज्योति हां मैं ने हर बार कोशिश की कि इस पैकेज में क्या है मैं तो एक दो सेल्फी लेने की कोशिश की मगर मौका ही नहीं देता वो सब चार बार में वो अलग अलग आदमी हम वो समान ले जाता जिससे मैं किसी को कुछ कहती उससे पहले ही उसको हमारे बारे में पता चल जाता पता नहीं ये सब उसे कैसे मालूम हो जाता । तो आरोही राय ने कहा की मुझे उस जगह पर ले चलों तो राधा कहती जब मैं दुबारा कल काॅलेज आती तो वहां के नक्शा ही बदल जाता तो मैं किसीको कुछ कहने से पहले सोचती की की किसीको कुछ कहने पर तो हमें सबुत देना पड़ेगा जो हमारे पास नहीं होता था। फिर आरोही राय ने कहा की तुम ने शेखर से शादी करने के लिए अपने परिवार और शेखर के परिवार को क्यों दाऊ पर लगाया । तों ज्योति बोली की शेखर एक दिन हमें हमारे बाथ रूम में नहाते नंगी देख लिया लिया था इसलिए हमने सोचा की अगर जब ये एक बार मेरा इज्जत देख लिया तो अब मैं किसी और को अपना इज्जत नहीं देखने दुंगी तो मैं ने जीद करके शेखर से शादी की पर मै अपने परिवार और शेखर के परिवार के प्रति झुठी धमकी था ताकि मेरा शादी शेखर से हो जाए अब आरोही राय को सारा बात समझ में आ गया था की इन सब को कोई फसाया हैं और वहीं आदमी हमें ज्योति के सुहाग रात को ही मुझे फोन करके बताया होगा आरोही राय ने फिर पुछा की ये मुन्ना कौन है तो ज्योति ने कहा की इस मुन्ना को मैं ज्यादा नहीं जानती वो हमारे काॅलेज में दो दिन आया और हम लोगों से दोस्ती कर के हम लोगों पे खुब रुपया खर्च किया और वो काॅलेज लगभग नहीं ही आता वो हम लोगों को वो काॅलेज के बाहर मिलता आधा घंटा हंसी मजाक कर फिर वो अपने बाइक से चला जाता । तो क्या तुम्हें उसका बाइक नंबर याद है तो ज्योति ने कहा हां । आरोही राय ने वो बाइक नंबर तुरंत नोट किया नंबर ये था…………. नंबर नोट कर उसने तुरंत उसका जांच करवाई तों वो फोर व्हीलर का नंबर था जब उन गाड़ी वाला से पता किया तो उसने कहा न मेरा किसी से कही बात हुआ और न मेरा नंबर प्लेट कभी गीड़ा वहां पर भी कोई सबूत हाथ नहीं लगा अब मुन्ना का खोज जाड़ी हुआ मुन्ना को पकड़ना बहुत जरूरी हो गया हो सकता है की मुन्ना से ही कोई सुराग मिले आरोही राय ने ज्योति प्रताप के कहें अनुसार मुन्ना का तस्वीर बनाया तो ये सत्रह से अठारह वर्ष का लड़का निकला सोशल मीडिया पर मुन्ना के तस्वीर डालकर इनके बारे में जानकारी देने वाले को पचास हजार रूपया ईनाम और नाम बेहद गुप्त रूप से रखा जाएगा दो दिन हुआ की शहर के बाहर एक ढाबा पर मुन्ना खाना खा रहा था तभी एक शख्स ने आरोही राय को फोन किया और सारा डिटैल्स दिया आरोही राय ने तुरंत वहां के स्थानीय पुलिस थाना को तुरंत उस ढाबा से मुन्ना को पकड़ने को कहा और कहा किसी भी हाल में मुन्ना हमें चाहिए स्थानीय पुलिस बल ने पांच मिनट उस ढाबा पर रेड मारी लेकिन मुन्ना वहां से बच कर निकल गया और पुलिस को मुन्ना नहीं पकड़ में आया । उधर जे के ने कुर्शेद को एक सप्ताह के बाद आज रात को सागर या सावित्री देवी को मारने का प्लान बनाया जे के ने कुर्शेद को एक चाकू दिया और कहा की तुम मेरे लिए इस चाकू से या तो उन दोनों को मारोगे या फिर खुद मरोगे जे के ने कहा की ये चाकू अपने एक वार में काम करने में सक्षम हैं और काम पुरा नही हुआ तो इसी चाकू से तुम एक झटका में अपना गला काट लेना है और तुम्हें मरने में एक सेकेण्ड नहीं लगेगा इसलिए मैं तुम्हारे मां बाप से मिलकर बीस लाख रुपया दुंगा ।{ पैसे का हवस आदमी को क्या से क्या करने के लिए मजबूर कर देता है की ईश्वर की दी हुई वरदान स्वरूप इस जीवन को भी कुछ नहीं समझता कुर्शेद का भी यही हाल था वो ये नहीं सोचा की जीवन रहने पर ही पैसा और मां बाप वर्णा कुछ नहीं रहेगा और आज दुसरे के कहने लोभ देने पर दुसरे को मारने चला और ये भी नही सोचा की हो सकता है की मेरी मौत भी हो सकता है } जे के के प्लान अनुसार कुर्शेद तैयार हो गया और आज रात काम को अंजाम देने का बात तय हो गया और अपने शक्त शब्दों में ये कह दिया की तुम किसी भी स्थिति में मेरा नाम नहीं लोगे अगर तुमने ले भी लिया तो मेरा कुछ नहीं होगा क्योंकि मैं इस सोसायटी में एक आदर्श व्यक्ति बनकर रह रहा हूं उल्टा तुम्हें ही यहां के लोग मार डालेंगे । मैं जो तुमसे वादा किया वो मैं निभाऊंगा और तुम जो वादा मुझ से किया वो मैं निभाऊंगा । बस अपने अपने वादे निभाने होंगे हम दोनों को । कुर्शेद पुरा जोश के साथ हां कहा, जब कुर्शेद जाने लगा तो जे के बोला रुको और एक दस हजार का गड्डी फिर उसके हाथ में देकर कहा की जाओ तुम आज फिर मौज करो । ये पैसे देकर जे के कुर्शेद के सोचन शक्ति को बंद कर देता था । कुर्शेद आज फिर फ्री का दस हजार लेकर बहुत खुश हुआ और जे के के कमरे से बाहर निकल गया और फ्री के पैसे को पुरे दिन पानी की तरह बाहाया अपने दोस्तों के साथ में आज भी किसी दोस्त को ये नहीं बताया की ये पैसा कहां से और उनका दोस्त भी ये जानना उचित नहीं समझा और दिन भर खाया पिया मौज बनाया कुर्शेद उसको ही असली जिंदगी समझ रहा था । कुर्शेद आज थोड़ा कम पिया क्यों की उनको आज काम को अंजाम देना था । खाते पिते रात का आज फिर एक बज गया और सब अपने अपने घर आया लेकिन कुर्शेद नशा में था पर पुरा होश में था की वो काम को कैसे अंजाम देना है । कुर्शेद जे के का दिया चाकू अपने घर से लिया और चाकू को बड़ी गौर से देखा, देखकर मुस्कुराया और बुदबुदाया की आज तुझे खुन पिलाऊंगा और वहां से चल दिया अपने बाइक पर सवार होकर जान देने या लेने ये तो वहां पहुंच कर ही पता चलेगा की कौन मारा गया । वो जैसे ही सागर और सावित्री वाले विल्डिंग में पहुंचा की देखा वहां पर गार्ड हैं विल्डिंग में जैसे ही कुर्शेद पहुचा की उस एलर्ट यंत्र की लाईट जला और रेड हो गया पर दोनों गहरी नींद में सोया हुआ था लाइट के बारे में वो न समझ सका । जब कुर्शेद विल्डिंग में पहुंचा तो देखा की गार्ड नहीं है शायद गार्ड वास रुम गया हों या राउंड पर । जब कुर्शेद गार्ड को नहीं देखा तो बिना देर किए लिफ्ट में प्रवेश कर सिधा सागर फ्लोर का नंबर दवाया जैसे जैसे लिफ्ट करीब पहुंचा वैसे वैसे एलर्ट यंत्र अपना रुप बदला शुरू कर दिया अंत में सावित्री को अर्थ देने लगा की वो चौंक कर उठी और सागर को जगाया उधर कुर्शेद