चाकलेट दिवस पर बाल कविता
चाकलेट दिवस पर मंच के समक्ष संप्रेषित
एक बाल रचना
भाईयों का प्रेम
?❤️?
रानू शानू थे दो भाई।
दोनों में हो गयी लड़ाई।।
लगे चलाने जूते चप्पल।
अक्ल बहुत ही थी बौराई।।
तभी वहां पर बबलू आया।
जो रानू पर था गुस्साया।।
बोला आज सही अवसर है,
मौका पाकर हाथ चलाया।।
लगा मारने वो रानू को।
गुस्सा आया तब शानू को।।
पकड़ गले से सहज उठाया।
बबलू मरा मरा चिल्लाया।
दोनों भाई हुए इकट्ठे,
मिलकर उसको मजा चखाया।।
भाई भाई का प्यार अनोखा।
अच्छे अच्छे खाते धोखा।
बबलू ने भी धोखा खाया।।
असली प्यार समझ तब आया।।
?अटल मुरादाबादी ?