चांद
रातें मेरी उठी और चांद से जा मिली
चांदनी ने कहा घर अपने क्यूं नहीं गई
~ पुर्दिल सिद्धार्थ
बेचैन रही रात भर मैं तेरे ख्याल में
चांद भी साथ जगा था मेरे दयार में…?
~ पुर्दिल सिद्धार्थ
रातें मेरी उठी और चांद से जा मिली
चांदनी ने कहा घर अपने क्यूं नहीं गई
~ पुर्दिल सिद्धार्थ
बेचैन रही रात भर मैं तेरे ख्याल में
चांद भी साथ जगा था मेरे दयार में…?
~ पुर्दिल सिद्धार्थ