Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2024 · 1 min read

चांद अब हम तेरा दीदार करेगें

चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
दूर से तो देखा है,करीब से भी बात करेगें
आप मामा हो या महबूब की सूरत
या ब्रह्मांड की खूबसूरत रचना
आपके दर पर पहुंच कर ,आभास करेगें
चांद आपकी चांदनी की बातें, सुनी बहुत
वो कितनी शीतल है,अहसास करेगें
आप सदियों से हमारे है ,
आपके रिश्ते ज्योतिष से पुराने है,
क्या आप भी हम सब को याद करते है
रूबरू हो कर अब सांझा अपने जज़्बात करेगें

Language: Hindi
1 Like · 186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Priya Soni Khare
View all

You may also like these posts

राजनीतिक परिदृश्य: मोहिनी थिएटर्स के नायक और जनता की नाराजगी
राजनीतिक परिदृश्य: मोहिनी थिएटर्स के नायक और जनता की नाराजगी
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
ह्रदय है अवसाद में
ह्रदय है अवसाद में
Laxmi Narayan Gupta
हां मैं एक मजदूर हूं
हां मैं एक मजदूर हूं
डॉ. एकान्त नेगी
हत्या
हत्या
Kshma Urmila
" कायनात "
Dr. Kishan tandon kranti
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
सुबुद्धि
सुबुद्धि
Acharya Rama Nand Mandal
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*आदिशक्ति का अंश*
*आदिशक्ति का अंश*
ABHA PANDEY
अपनी क़ीमत कोई नहीं रक्खी ,
अपनी क़ीमत कोई नहीं रक्खी ,
Dr fauzia Naseem shad
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
अंतिम स्वीकार ....
अंतिम स्वीकार ....
sushil sarna
सोचते होंगे तुम
सोचते होंगे तुम
Dheerja Sharma
हवा-बतास
हवा-बतास
आकाश महेशपुरी
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
बचपन
बचपन
Shashi Mahajan
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
Dr. Vaishali Verma
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
विवश मन
विवश मन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।
Neelofar Khan
प्रीतम दोहा अभिव्यक्ति
प्रीतम दोहा अभिव्यक्ति
आर.एस. 'प्रीतम'
राम दर्शन
राम दर्शन
Rajesh Kumar Kaurav
*अध्याय 2*
*अध्याय 2*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Nmita Sharma
इस दीवाली
इस दीवाली
Shally Vij
बच्चे
बच्चे
Shivkumar Bilagrami
- तुम्हारे मेरे प्रेम की पंक्तियां -
- तुम्हारे मेरे प्रेम की पंक्तियां -
bharat gehlot
22. खत
22. खत
Rajeev Dutta
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
Ranjeet kumar patre
Loading...