गहन सघन मनमोहक वन तरु मुझको आज बुलाते हैं

गहन सघन मनमोहक वन तरु मुझको आज बुलाते हैं
किन्तु किए जो वादे मैंने, याद मुझे आ जाते हैं
अभी कहाँ आराम बदा यह मूक निमंत्रण छलना है
अरे, अभी तो मीलों मुझको,मीलों मुझको चलना है।🎯
गहन सघन मनमोहक वन तरु मुझको आज बुलाते हैं
किन्तु किए जो वादे मैंने, याद मुझे आ जाते हैं
अभी कहाँ आराम बदा यह मूक निमंत्रण छलना है
अरे, अभी तो मीलों मुझको,मीलों मुझको चलना है।🎯