चांदनी चांद का साथ सहर होने पर छोड़ देती है।
चांदनी चांद का साथ सहर होने पर छोड़ देती है।
झूठ की मोहब्बत सारा चाहत ए भरम तोड़ देती है।।1।।
शबनम की बूंद सुबह सुबह चांदी सी चमकती है।
सूरज की किरणों में बूंदे शबनम वजूद छोड़ देती है।।2।।
कोठी के खादिमो को पूंछताछ में बुलाया गया है।
चोरों के ईमान की बातों में हमेशा ही खोट होती हैं।।3।।
कौन समझाए खुदा इश्क करने वालों को यहां।
बेवफाई मिलने पर इन दिलों में बड़ी चोट पड़ती है।।4।।
सभी कहते हैं वह इंसान सबसे बड़ा मुस्कुराता है।
गमज़ादा लोगों की नजरे अश्कों को सोख लेती है।।5।।
जिंदगी में इंसान सुकून पाने को परेशांन रहता है
उसको सुकूंन ए करार तुर्बत में लाकर मौत देती है।।6।।
साहब समझ बूझ कर करो इश्क इस दुनिया में।
अक्सर मोहब्बत ही मोहब्बत का भ्रम तोड़ देती है।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ