“चाँद”
चाँद की चाँदनी……..
सुनाए शीतलता की रागिनी।
चाँद का रूप………..
निखारे निशा का स्वरूप।
चाँद का राग………..
बिखेरे प्रेम का अनुराग।
चाँद का रंग………..
खिलाए सृष्टि का अंग-अंग।
चाँद के भाव………..
बनाए आपस में सद्भाव।
चाँद का लावण्य…….
बढ़ाए प्रकृति का सौन्दर्य।
चाँद की चाहत………
होती है चकोर की इबादत।
चाँद बड़ा प्यारा………
देता हमें शांति का नारा।
चाँद का सौन्दर्य………
सम नायिका का रूप-लावण्य।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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