चाँद
ईद और करवाचौथ पर
रहता है चाँद का जलवा।
बाकियों दिन वह घटता –
बढ़ाता रहे, किसे है परवाह।
चाँद
जिसे निहारने के लिए
साल में दो बार,
दो सम्प्रदाय रहते हैं बेताब से।
कब दिखे चांद, जो राहत मिले
दिन-भर के उपवास से।
-लक्ष्मी सिंह
ईद और करवाचौथ पर
रहता है चाँद का जलवा।
बाकियों दिन वह घटता –
बढ़ाता रहे, किसे है परवाह।
चाँद
जिसे निहारने के लिए
साल में दो बार,
दो सम्प्रदाय रहते हैं बेताब से।
कब दिखे चांद, जो राहत मिले
दिन-भर के उपवास से।
-लक्ष्मी सिंह